सबको आज जगाना होगा
सबको आज जगाना होगा
संविधान के इस उत्सव पर,
सबको आज जगाना होगा।
राष्ट्रद्रोहियों के चंगुल से,
अब गणतंत्र बचाना होगा।।
आग लगाना, सड़क घेरना, ये कैसी आजादी है।
इस विध्वंसक मनोवृत्ति में, जन धन की बरबादी है।।
विकृत मानसिकता वालों से, अब ये देश बचाना होगा।
संविधान के इस उत्सव पर सबको आज जगाना होगा।।
हिंदू मुस्लिम मिलजुलकर सदियों से रहते आये हैं।
मुट्ठी भर आतंकी आकर नफरत बोते आये हैं।।
नफरत की दीवार गिराकर, फिर विश्वास जगाना होगा।
संविधान के इस उत्सव पर सबको आज जगाना होगा।
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।
24.01.2020
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