फ्री बिजली पानी के गणित को समझना होगा।

फ्री बिजली, पानी के गणित को समझना होगा।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की प्रचंड विजय के बाद हम दिल्ली के वोटर्स को मुफ्तखोर, लालची, गद्दार आदि तमाम विशेषणों से नवाज रहे हैं, लेकिन हमें इस फ्री के गणित का अध्ययन अवश्य करना चाहिए। 
फ्री बिजली पानी के संदर्भ में जो केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता कहते रहे , हमें उस कथन पर गौर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की हमारी जिम्मेदारी है। फ्री बिजली और फ्री पानी केवल 200 यूनिट बिजली और बीस हजार लीटर पानी प्रतिमाह फ्री उपलब्ध कराने की बात हुई। घरों में रोशनी के लिये बल्ब जलाने लायक व हवा के लिये पंखा या पानी गर्म करने लायक बिजली, बुनियादी जरूरत है, जो 200 यूनिट में पूरी हो जाती है। इसी प्रकार 20000 लीटर प्रति माह पानी, अर्थात 667 लीटर प्रतिदिन, जो एक सामान्य आकर के परिवार के नहाने धोने की जरूरत ही पूरी कर सकता है, केवल इतना पानी मुफ्त दिया जा रहा है।
सीधी सी बात है सरकार ने बुनियादी जरूरतों लायक बिजली और पानी उपलब्ध कराने की अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने की शुरुआत की। यह सुविधा अमीर गरीब सभी को उपलब्ध कराई गयी। इससे गरीब परिवारों के साथ साथ मध्यम वर्गीय परिवारों ने भी बहुत राहत महसूस की। मध्यवर्ग इसलिये भी अधिक खुश हुआ क्योंकि भाजपा सरकार की तमाम योजनाओं में मध्यवर्ग के लिये कुछ नहीं था। जबकि टैक्स की अधिकतम आमदनी मध्यवर्ग से ही होती है, किंतु सरकार ने अपनी तमाम योजनाओं के लाभ से मध्य वर्ग को वंचित रखा। आयुष्मान योजना का लाभ मध्यवर्ग को नहीं मिलता, जबकि उसके टैक्स के पैसे से ही ये योजना चल रही है। केजरीवाल ने मध्यवर्ग के साथ साथ उच्च वर्ग को भी एक सीमा तक फ्री बिजली फ्री पानी, फ्री इलाज (मुहल्ला क्लीनिक द्वारा) दिया, महिलाओं को फ्री बस यात्रा दी, बसों में सुरक्षा कर्मी भी तैनात किये ताकि महिलाएं सुरक्षित यात्रा करें, सरकारी स्कूलों की शिक्षा में व्यापक सुधार किये। ये सारे सुधार दिल्ली वासियों ने देखे, अनुभव किये और उनका उपभोग किया। यही वजह है कि उन्होंने आम आदमी पार्टी का साथ दिया।
ऐसा नहीं है कि इन वोटर्स में राष्ट्रवाद की भावना नहीं है। बिल्कुल है, और उसके लिये उन्होंने मोदी जी को बेहतर माना और व्यापक समर्थन से चुना, लेकिन अपनी मूलभूत सुविधाओं और सामान्य जीवन की सुविधाओं के पैमाने पर केजरीवाल को ज्यादा पसंद किया, जो उसकी बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रख रहा है।
इन फ्री सुविधाओं के संदर्भ में ये भी शंकाएं उठीं कि ये सारी सुविधाएं चुनावों के बाद समाप्त हो जायेंगी। यदि केजरीवाल ऐसा करेंगे तो उनकी विश्वसनीयता समाप्त हो जायेगी। संभवतः वो ऐसा नहीं करेंगे। प्रश्न उठता है कि वह इसके लिये पैसा कहाँ से लायेंगे। इस संदर्भ में यही कहा जा सकता है कि उपलब्ध रिवेन्यू का कुशल प्रबंधन करके ही आम आदमी पार्टी ने अब तक इन सुविधाओं को मुहैया कराया है।
इसमें ध्यान देनेवाली बात यह भी है कि दिल्ली सरकार की आर्थिक स्थिति इन समस्त सुविधाओं के बाद भी अन्य राज्यों से बेहतर है।
अब समय आ गया है कि अन्य राज्य सरकारों को भी इस दिशा में सोचना चाहिए, और अपने अपने राज्यों में शिक्षा, स्वास्थ्य व बिजली, पानी, सड़क, सफाई सहित तमाम बुनियादी सुविधाओं में सुधार करना चाहिए, अन्यथा अन्य राज्यों में भी उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। केवल हिन्दू मुस्लिम करने से अब काम नहीं चलने वाला। अब आम आदमी पार्टी अन्य राज्यों में भी चुनाव के लिये उतरेगी और फ्री बिजली, फ्री पानी, सरकारी स्कूलों व स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार आदि वादों के साथ चुनाव में उतरेगी। जनता भी उसपर सहजता से विश्वास करेगी क्योंकि दिल्ली में उन्होंने ये कर के दिखा दिया है। अब आम आदमी पार्टी, देर सवेर अन्य राज्यों में भी चुनौती देने की स्थिति में है, इसमें कोई संशय नहीं होना चाहिए।

श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।
13.02.2020.

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