अथ आलू महात्म्य
अथ आलू महात्म्य
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टिंडे, भिंडी, बैंगन चाहे जितना शोर मचायें।
आलू अपनी पर आयें तो सबको नाच नचायें।।
बाकी सारे तो केवल सीजन में इठलाते हैं।
आलू पूरे साल शान थाली की बढ़वाते हैं।।
हर सब्जी के साथ मिलें थाली का स्वाद बढ़ायें।
सबका साथ, विकास सभी का मूल मंत्र अपनायें।।
यों तो प्याज टमाटर भी सबमें घुल मिल जाते हैं।
लेकिन दोनों आसमान पे अक्सर चढ़ जाते हैं।
आलू चाहे रहे अकेला फिर भी साथ निभाये।
आलू की टिक्की भैया दावत की शान बढ़ाये।।
कभी कभी कोई मेहनतकश रोटी दाल न पाता।
वो भी आलू को उबालकर चटकारे ले खाता।
एक अकेला आलू है जो सबकी भूख मिटाये।
इसीलिये सारी सब्जी का राजा वह कहलाये।
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।
04.02.2020
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