छुप कर के घर में आप भी खुद को बचाइए
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कुछ दिन तो घर की रोटी और दाल खाइए।
महफूज आप घर में हैं बाहर न जाइए।।
छुप छुप के वार करता है दुश्मन अजीब है।
छुप कर के घर में आप भी खुद को बचाइए।।
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।
कुछ दिन तो घर की रोटी और दाल खाइए।
महफूज आप घर में हैं बाहर न जाइए।।
छुप छुप के वार करता है दुश्मन अजीब है।
छुप कर के घर में आप भी खुद को बचाइए।।
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।
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