पशु पक्षी आजाद मगर इन्सान बंद हैं

लॉकडाउन पर मेरी ताजा रचना।

कामकाज है ठप्प विश्वमर में मंदी है।
शहर शहर हर गाँव गली ताला बंदी है।
एक वायरस ने ऐसा आतंक मचाया।
खुली हवा में साँसों पर भी पाबंदी है।

घर से बाहर आवाजाही पूर्ण बंद है
दफ्तर और बजार बंद हैं, रेल बंद है।
कुदरत ने भी देखो कैसा खेल रचाया।
पशु पक्षी आजाद मगर इन्सान बंद है।

श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।
मोबाइल: 9456641400

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