जहरीली हवा
वायु प्रदूषण पर : मुक्त छंद रचना
फिर जहरीली हुई हवा।
घुलने लगी वातावरण में जलाँध
दोष है किसानों पर।
पराली जलाने का।
कारीगरों पर, ई कचरा जलाने का।
प्रश्न यही है दोषी कौन।
चश्मा लगाया तो असली दोषी का पता चला।
वो तो वसूली कर रहा था।
चैन से घर पर सो रहा था।
अब प्रशासन ने बना दी है एक कमेटी।
क्या वो वायु प्रदूषण कम करेगी।
नहीं, अब वो वसूली करेगी।
पराली ऐसे ही जलेगी।
हवा में जलाँध ऐसे ही घुलेगी।
साँसों में घुटन बसती रहेगी।
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।
फिर जहरीली हुई हवा।
घुलने लगी वातावरण में जलाँध
दोष है किसानों पर।
पराली जलाने का।
कारीगरों पर, ई कचरा जलाने का।
प्रश्न यही है दोषी कौन।
चश्मा लगाया तो असली दोषी का पता चला।
वो तो वसूली कर रहा था।
चैन से घर पर सो रहा था।
अब प्रशासन ने बना दी है एक कमेटी।
क्या वो वायु प्रदूषण कम करेगी।
नहीं, अब वो वसूली करेगी।
पराली ऐसे ही जलेगी।
हवा में जलाँध ऐसे ही घुलेगी।
साँसों में घुटन बसती रहेगी।
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।
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