पशु पक्षी आजाद मगर इन्सान बंद है।
कोरोना के चलते पूरा देश बंद है। घर, दफ्तर, बाजार पूर्ण परिवेश बंद है।। रैली, रेले, मेले, टेले, हाट, सिनेमा, आलू, टिक्की, चाट,बंद, संदेश बंद है।
घर से बाहर आवाजाही पूर्ण बंद है
दफ्तर और बजार बंद हैं, रेल बंद है।
कुदरत ने भी देखो कैसा खेल रचाया।
पशु पक्षी आजाद मगर इन्सान बंद है।
मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे अरु चर्च बंद हैं।
ट्रीट, पार्टी और मॉल का खर्च बंद है।
रबड़ी, कुल्फी, फालूदा के इस मौसम में,
काढ़ा चालू है पर फ्रिज की बर्फ बंद है।।
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।
प्रार्थना:
मानव के कष्टों का प्रभु जी अब तो अंत करो।
त्राहि त्राहि हर ओर मची है अब तो बंद करो।
करुणासागर हो अब करुणा का घट भी खोलो।
मरघट की इन ज्वालाओं को अब, तो मंद करो।
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।
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