कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा।
कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा। ---------------------------------------------------- कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा। अनुशासन में अगर रहेंगे, तो संकट टल जायेगा।। लॉकडाउन में कब तक खुद को, घर में कैद रखेंगे हम। अकर्मण्य रहकर जीवन का, कब तक भार सहेंगे हम।। ऐसे भी तो बैठे बैठे, जीवन ढल ही जायेगा। कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा। माना यह विषाणु घातक है, जीवन तक हर लेता है। किंतु जिंदगी यदि बाकी है, कौन मार फिर सकता है। श्वास श्वास है प्रभु के हाथों, वो ही हमें बचायेगा। कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा। जीवन पथ पर साथ समय के, हम सबको चलना होगा। किंतु सुरक्षा चक्र न टूटे, यह निश्चय करना होगा। अनुशासन में रहकर मित्रों, भारत इसे हरायेगा। कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा। श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद। MMIG 69, रामगंगा विहार, मुरादाबाद। (उ.प्र.) मोबाइल नं. 9456641400