मुक्तक : उनको कौन जगाए।
मुक्तक
कुछ जागे हैं, कुछ सोये हैं।
कुछ अपने में ही खोये हैं।।
लेकिन उनको कौन जगाये।
जो जागे हैं, पर सोये हैं।।
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।
कुछ जागे हैं, कुछ सोये हैं।
कुछ अपने में ही खोये हैं।।
लेकिन उनको कौन जगाये।
जो जागे हैं, पर सोये हैं।।
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।
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