बाल कविता: मैं हूँ नंबर वन
बाल कविता ः
मैं हूँ नंबर वन
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नटखट छोटूराम मुहल्ले भर का प्यारा।
हर चाची ताई नानी का रहा दुलारा।।
खेल कूद में बच्चों का अगुआ रहता था।
घर घर जाकर खूब शरारत भी करता था।।
रक्षाबंधन पर सबसे राखी बँधवाई।
कुहनी तक राखी से दोनों सजी कलाई।।
मम्मी पापा ने सबको घर में बुलवाया।
बहनों को उपहार दिया, मीठा खिलवाया।।
पूरे दिन छोटू घर घर घूमा इतराया।
मैं हूँ नंबर वन कह कह कर शोर मचाया।।
श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।
17.08.2019

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