नमामि गंगे हर हर गंगे ============== नमामि गंगे सुनते सुनते, इक दिन हमने भी ये सोचा गंगा को हम भी दे आएं, पापों का सब लेखा जोखा स्वच्छ मिलेगी गंगा भी अब, तन मन निर्मल हो जाएगा अनजाने जो पाप हुए हैं, उनका मोचन हो जाएगा लगा लगा कर डुबकी जल में, हो जाएंगे मस्त मलंगे निर्मल मन निर्मल तन होगा, खूब कहेंगे हर हर गंगे हर हर गंगे हर हर गंगे, नमामि गंगे हर हर गंगे फिर चिंतन का चला सिलसिला, मन पर बस गंगा ही छाई निर्मल गंगा के प्रवाह की, आस स्वतः मन में जग आई अबकी बार कुम्भ में देखो, स्वच्छ मिलेगी हर हर गंगे साफ रहेगा गंगा का जल, धन्य धन्य हे नमामि गंगे साधू, स्वादू, योगी ढोंगी, नहा नहा होवेंगे चंगे सबके पाप हरेगी गंगा , सभी कहेंगे हर हर गंगे हर हर गंगे हर हर गंगे, नमामि गंगे हर हर गंगे नमामि गंगे के चिंतन की, धारा भी बहती रहती है स्वच्छ बहे गंगा की धारा, ये मंथन करती रहती है अरबों खरबों खर्च हो गया, गंगा मैली ही रहती है आरोपों प्रत्यारोपों की, रस्म सदा निभती रहती है नेता अभिनेता भी इसमें. धोकर पाप हुए हैं चंगे हर हर गंगे हर हर गंगे, नमामि गंगे हर हर गंगे परदे के पीछे भी गंगा, अविरल ही ब...