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Showing posts from October, 2019

हे गोवर्धन गिरधारी

हे गोवर्धन गिरधारी, हे माधव मदन मुरारी सब भ्रम में पड़े हुए हैं धर्मों में बँटे हुए हैं कैसी ये माया भारी हे माधव मदन मुरारी धरती अब हार रही है चुपचाप कराह रही है हर ओर प्रदूषण भारी हे गोवर्धन गिरधारी हे जन नायक अब आओ कुछ लीला पुनः रचाओ मिट जाएं पापा चारी हे माधव मदन मुरारी। हे गोवर्धन गिरधारी। अन्नकूट एवं गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं। श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।

मुक्तक

एक मुक्तक। एक दर्पण रूप मेरे नित्य नव गढ़ता रहा। मैं स्वयं की झुर्रियों के बिंब ही पढ़ता रहा।। दौड़ता हरदम रहा लेकिन कहीं पहुँचा नहीं। धार के विपरीत ही मैं तो सदा चलता रहा।। श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद। मोबाइल:9456641400।

जहरीली हवा

वायु प्रदूषण पर : मुक्त छंद रचना फिर जहरीली हुई हवा। घुलने लगी वातावरण में जलाँध दोष है किसानों पर। पराली जलाने का। कारीगरों पर, ई कचरा जलाने का। प्रश्न यही है दोषी कौन। चश्मा लगाया तो असली दोषी का पता चला। वो तो वसूली कर रहा था। चैन से घर पर सो रहा था। अब प्रशासन ने बना दी है एक कमेटी। क्या वो वायु प्रदूषण कम करेगी। नहीं, अब वो वसूली करेगी। पराली ऐसे ही जलेगी। हवा में जलाँध ऐसे ही घुलेगी। साँसों में घुटन बसती रहेगी। श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।