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Showing posts from October, 2023

भक्ति रस की हाला का पान कराने वाली कृति मधुशाला हाला प्याला।

  भक्ति रस की हाला का पान कराने वाली कृति मधुशाला हाला प्याला। ---------------------------------------------------------------------------- मधुशाला हाला प्याला, इस काव्य संग्रह का नाम पढ़ते ही आदरणीय हरिवंश राय बच्चन जी की कृति मधुशाला की याद आ गयी और यही लगा कि बच्चन जी की मधुशाला की तरह ही इसमें भी मधुशाला के विभिन्न आयामों का चित्रण होगा।  इसी उत्सुकतावश पुस्तक खोलकर पढ़ना शुरु कर दिया। किन्तु शुरुआत में ही स्पष्ट हो गया कि यह तो आध्यात्मिक रस की हाला है और इससे अपना प्याला भरना जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझने में सहायक हो सकता है। आदरणीय जितेंद्र कमल आनंद जी का सद्य प्रकाशित काव्य संग्रह मधुशाला हाला प्याला  उन्हीं के शब्दों में  एक अनुपम कृति है, जो आध्यात्मिक संचेतना और नैतिकता के भाव जगाने में सक्षम है। संपूर्ण काव्य ताटंक , लावणी व शोकहर छंद में रचित है, ओर गेयता में आनंद का अनुभव कराने में सक्षम है। भाषा सरल, प्रतीकात्मक और सुग्राह्य है। काव्य संग्रह में निहित आध्यात्मिक काव्यात्मक कथ्य और संग्रह के नाम के संदर्भ में श्री आनंद जी स्वयं कहते हैं: काव्यात्मक ...

जितेंद्र कमल आनंद: हिंदी कविता को समर्पित व्यक्तित्व

  जितेंद्र कमल आनंद: हिंदी कविता को समर्पित व्यक्तित्व हिन्दी कविता के क्षेत्र में यद्यपि नगर नगर मैं तमाम कवियों ने अनेकों संस्थाएं बना रखी हैं जो हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिये काम करने का दावा कर रही हैं, लेकिन इन्हीं संस्थाओं में एक संस्था है अखिल भारतीय काव्यधारा, रामपुर, जिसके संस्थापक रामपुर के लब्धप्रतिष्ठित कवि आदरणीय जितेंद्र बहादुर सक्सेना, अर्थात जितेंद्र कमल आनंद जी हैं।  वस्तुतः आनंद जी स्वयं में एक संस्था हैं, जो निस्पृह भाव से बिल्कुल नये नवांकुर व उदीयमान कवियों व कवियित्रियों को अपनी संस्था से जोड़कर उन्हें निखारने व सँवारने का कार्य करते हैं। अपनी संस्था के व्हाट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से रचनाकारों को विभिन्न छंदों के विधान का प्रशिक्षण देते हैं, गीत, गज़ल, मुक्तक, रुबाई व दोहा आदि छंदों पर आधारित कार्यक्रम करते हैं। यही नहीं इसके अतिरिक्त वह लगभग प्रत्येक माह किसी न किसी नगर में एक कवि सम्मेलन का आयोजन करते हैं जिसमें सभी नवोदित व उदीयमान कवियों को भी काव्यपाठ का अवसर मिलता है और उनकी प्रतिभा को निखारा जाता है। साथ ही इन रचनाकारों का योग्यतानुसार सम्मान भी क...

रामचरितमानस दर्शन : एक पठनीय समीक्षात्मक पुस्तक

रामचरितमानस दर्शन : एक पठनीय समीक्षात्मक पुस्तक पिछले कुछ दिनों से मैं आदरणीय रवि प्रकाश जी द्वारा रचित पुस्तक रामचरित मानस दर्शन का अध्ययन कर रहा हूँ।  तुलसी कृत रामचरित मानस लगभग हम सभी ने अवश्य पढ़ी होगी। मैंने तो कई बार पूरी रामचरित मानस का अध्ययन किया है और टीका सहित अध्ययन किया है, और हर बार पढ़ने पर कुछ न कुछ नयी जानकारी मिलती है।  आदरणीय रवि प्रकाश जी ने भी प्रतिदिन लगभग तीस दोहों का सस्वर वाचन भावार्थ सहित उपस्थित सत्संग प्रेमी भक्तजनों के सम्मुख किया,साथ ही उन्होंने दैनिक रूप से जो पढ़ा उसकी दैनिक समीक्षा भी लिखी।  ये समीक्षा वे दैनिक आधार पर साहित्यिक मुरादाबाद व साहित्य पीडिया के पटल पर भी शेयर करते थे।  पाठ पूर्ण होने पर उन्होंने इन दैनिक समीक्षाओं को संकलन रुप में प्रकाशित करवाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। रामचरित मानस की समीक्षा का उनका यह संकलन स्वयं में अत्यंत अनूठा और उपयोगी है। बहुत सरल, आम बोलचाल की भाषा में रचित इस समीक्षा में, तमाम ऐसे तथ्यों का पता भी चलता है जो कई बार के मानस अध्ययन के बाद भी अन्जाने ही रह जाते हैं,  यथा: तुलसीदास जी द्वारा र...