ये अभिनव भारत है।
दुनिया वालो आँखें खोलो, ये अभिनव भारत है। अब तुम भी नत मस्तक हो लो, ये अभिनव भारत है। कल तक हमको साँप सँपेरों,वाला कहते आये। हमें मदारी और फकीरों, में ही गिनते आये। देखो हमने आज चाँद पर झंडा गाढ़ दिया है। दक्षिण ध्रुव पर विक्रम को निर्भीक उतार दिया है। भारत की ताकत अब तोलो, ये अभिनव भारत है। दुनिया वालो आँखें खोलो, ये अभिनव भारत है। पढ़ो जरा इतिहास सदा हम मेधा में अगड़े थे। अनुसंधानों में आगे संसाधन में पिछड़े थे। हमने खुद अपने ही दम पर, दिग्गज सभी पछाड़े। इसरो छोड़ो नासा में भी, हमने झंडे गाढ़े। विस्फारित नयनों को धो लो ये अभिनव भारत है। दुनिया वालो आँखें खोलो, ये अभिनव भारत है। हमको तो कल्याण विश्व का, हो ये सिखलाया है। सभी शांति से रहें यही कल्याण मंत्र गाया है। जो उपलब्धि हमारी उसका फल सब मानव पायें। सभी शांति से रहें विश्व में गीत प्रेम के गायें। सुप्त चेतना के पट खोलो, ये अभिनव भारत है। दुनिया वालो आँखें खोलो, ये अभिनव भारत है। ये तो केवल शुरूआत है अब हम नहीं रुकेंगे। नहीं डिगेंगे, नहीं झुकेंगे, आगे सदा बढ़ेंगे। विश्व पटल पर सभी चुनौती मिलकर पार करेंगे विश्व...