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Showing posts from March, 2020

क्या होता है कोरोना

प्रस्तुत है मेरी त्वरित रचित बाल कविता। क्या होता है ये कोरोना ----------------------------- छोटू ने मम्मी से पूछा एक बात बतलाओ। क्या होता है यह कोरोना, आप मुझे समझाओ। बंद हुए स्कूल, खेलने पर भी पाबंदी है। शापिंग माल, सिनेमा, मंदिर में तालाबंदी है। पापा ने भी बंद कर दिया, दफ्तर आना जाना। घर में ही दफ्तर ले आये, इसका भेद बताना। मास्क लगाये घूम रहे, क्यों लोग मुझे बतलाओ। क्या होता है यह कोरोना आप मुझे समझाओ। मम्मी ने उसको पुचकारा, अपने पास बिठाया। ये है नया बुखार प्यार से उसको ये बतलाया। है विषाणु के कारण जो छूने से ही आता है। अलग थलग रहने से इसका खतरा मिट जाता है। इसकी दवा नहीं बचाव से इसको दूर भगाओ। खुद को स्वच्छ रखो तनिक भी इससे मत घबराओ। श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद। मोबाइल: 9456641400.

होली पर दिमागी चकल्लस : बुरा न मानो होली है

होली पर दिमागी चकल्लस : बुरा न मानो होली है आजकल किसी कवि सम्मेलन का संयोजन करना हो तो ये ख्याल रखना पड़ता है कि दो तीन हास्य व्यंग के कवि अवश्य बुलाए जाएं, ताकि श्रोताओं की दिलचस्पी बनी रहे। वस्तुतः आजकल श्रोताओं की रुचि कविताओं और गीतों में कम होती जा रही है, थोड़ा बहुत आकर्षण हास्य व्यंग की कविताओं का शेष है। हास्य कविता लिखना वास्तव में टेढ़ी खीर है। आज के दौर में व्यक्ति अत्यधिक शुष्क और असंवेदनशील हो गया है, मनोविनोद तो जीवन में मानो समाप्तप्राय हो गया है। इसीलिये व्यक्ति के तनावग्रस्त मस्तिष्क को हँसने की स्थिति तक ले आना वास्तव में काम तो मुश्किल ही है। यही वजह है कि हास्य कवि अधिकतर चुटकुले सुनाते हैं, या चुटकुलों पर आधारित रचनाएं बनाते हैं।  आजकल अधिकतर हास्य रचनाएं छंदमुक्त, गद्यात्मक शैली में होती हैं। हास्य रचनाओं में प्रस्तुतिकरण भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कहने के ढंग से भी हास्य उत्पन्न होता है।हमने हुल्लड़ मुरादाबादी जी की तमाम रचनाएं सुनीं हैं। वह इस शैली के मास्टर थे। यद्यपि पहले हास्य कवि भी छंदबद्ध लेखन ही करते थे तथा खूब हँसाते थे। श्री गोपाल व्यास त...