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बारिश आयी (बाल कविता)

बारिश आई (बाल कविता) सुबह सवेरे बारिश आई मौज सभी बच्चों की आई अब तो छुट्टी हो जायेगी गर्मी में राहत आयेगी बारिश में छत पर जाकर अब भीगेंगे हम जमकर भाई भरा सड़क पर भी पानी है सब बच्चों की मनमानी है कागज की कश्तियाँ बनाकर पानी पर अब तैरानी हैं। किसकी पानी में डूबेगी किसकी पार करेगी भाई मम्मी बेसन घोल रही हैं आलू पालक काट रही हैं रोज परांठा ही मिलता था आज नया कुछ बना रही हैं आज बनेगी चाय पकौड़ी और साथ में दूध मलाई। श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।